नई दिल्ली( जम्मू कश्मीर के पर्व मख्यमत्री उमर अब्दल्ला का बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने ल्ला पायलट ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत उनकी हिरासत के मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सारा ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत उमर अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया है। सारा की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले को त्वरित सुनवाई की सूची में डाला है। इसपर जस्टिस एनवी रमन्ना की रमन्ना का अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमती जताई है ।उमर अब्दुल्ला और माफ जन महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामले दर्ज किए जाने के लिए नेकां नेता की पार्टी की आंतरिक बैठकों की कार्यवाहियों और सोशल मीडिया पर उनके प्रभाव तथा पीडीपी प्रमुख के अलगाववादी समर्थक रुख का अधिकारियों ने जिक्र किया है। उमर (49) और महबूबा उमर (49) आर महबूबा (60) को पिछले साल पाच अगस्त से एहतियातन हिरासत अगस्त स एहतियातन हिरासत में रखा गया है, जब केंद्र ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और इस पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों-लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर- में बांटने की घोषणा की थी ।उनके एहतियातन हिरासत की मियाद खत्म होने से महज कुछ ही घंटे पहले उनके खिलाफ छह फरवरा का रात पीएसए के तहत मामला दर्ज पाएसए क तहत मामला दज किया गया। नियमा क अनुसार एहतियातन हिरासत को छह महीने से आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब 180 दिन की अवधि पूरा धपूरा होने से दो सप्ताह पहले गठित कोई सलाहकार बोर्ड इस बारे में सिफारिश करे हालांकि, इस संबंध में ऐसे किसी बोर्ड का गठन नहीं । हुआ और कश्मीर प्रशासन के पास दो ही विकल्प थे या तो उन्हें रिहा किया जाए या पाएसए लगाया जाए। उमर के खिलाफ लगाया जाए। उमर क खिलाफ तीन पृष्ठ के डॉजियर में जुलाई में म नेशनल कांफ्रेंस की आंतरिक बैठक में कही गई उनकी कुछ बातों का में कही गई उनकी कुछ बातों का जिक्र है जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि सहयोग जुटाने जरूरत है ताकि केंद्र सरकार राज्य के विशेष दर्जे को हटाने की अपनी योजना को परा नहीं कर पाए।
पीएसए के तहत उमर अब्दुल्ला की हिरासत को बहन सारा ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती