नई दिल्लीसर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकारी नौकरी में आरक्षण पर की गई टिप्पणी के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस इस मसले पर मोदी सरकार पर दबाव बना सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करने को कहा जा रहा है. इस कड़ी में सोमवार को कांग्रेस नेता राहल गांधी इस मसले पर मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि बीजेपी-आरएसएस के डीएनए को आरक्षण चुभता है. भूख को लेकर गंभीर उन्होंने कहा कि मैं कह रहा हूं कि हम आरक्षण को कभी नहीं मिटने देंगे, चाहे मोदी जी सपना देखे या मोहन भागवत सपना देखें...हम ऐसा नहीं होने देंगे.कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की रणनीति आरक्षण को रद्द करने की है, लेकिन बीजेपी वाले कितना भी सपना देख लें ऐसा कभी नहीं होगा. आरक्षण संविधान का हिस्सा है, बीजेपी की ओर से इसे ही खत्म करने की कोशिश की जा रही है. आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है, वह किसी न किसी तरीके से रिजर्वेशन को हिंदुस्तान के संविधान से निकालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी कम्युनिटी है ये लोग उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं. इसके लिए वह लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट गंभीर नहीं केंद्र और करने पर आमादा है. हालांकि कांग्रेस एससी-एसटी के साथ है और वह कभी ऐसा नहीं होने देगी. सर्वोच्च अदालत की ताजा टिप्पणी से पदोन्नति में में आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है. यह विवाद सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद शुरू हआ है जिसमें उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया जिसमें राज्य सरकार से कहा गया था कि वह प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए डाटा जटाए. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पता करने को कहा था कि एससी- एसटी कैटिगरी के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं, जिससे प्रमोशन में रिजर्वेशन दिया जा सके. सप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है.
बीजेपी -आरएसएस आरक्षण खत्म करना चाहते हैं: राहुल गांधी