प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है। यह रोक तत्काल प्रभाव से लगाई गई है। देशभर में प्याज की किल्लत के बाद इसके दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने प्याज की निर्यात नीति में अगले आदेश तक संशोधन किया है। इससे पहले केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि केंद्र के पास पर्याप्त मात्रा में प्याज का स्टॉक है और वह इसे विभिन्न राज्यों में आपूर्ति करने जा रही है, जिससे कीमतें घटेंगी। सरकार ने प्याज के थोक और खुदरा व्यापारियों के लिए भंडारण (स्टॉक) की सीमा तय की है। राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे स्टॉक की सीमा को लाग करें और प्याज जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज भंडारण की सीमा 100 क्विंटल तक तय की गई है। वहीं थोक व्यापारी 500 क्विंटल तक प्याज का स्टॉक रख सकेंगे। इसके अलावा घरेलू स्तर पर उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्याज की ऊंची कीमतों से _ बैंकों की विलय फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने पिछले दिनों कहा था कि नवंबर के बाद खरीफ की नई फसल बाजार में आने के बाद ही लोगों को बढ़ी हुई कीमतों विलय प्रक्रिया से राहत मिलने की उम्मीद है। कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से नैफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी के सफल स्टोर पर प्याज की बिक्री कर रही है। इसी बीच दिल्ली सरकार ने मोबाइल वैन के जरिये 24 रुपये किलो प्याज बेचना शुरू कर दिया है। चंद का मानना है कि सरकार के पास 50,000 टन का बफर स्टॉक है। इसमें से 15,000 टन प्याज की बिक्री पहले ही हो चुकी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नवंबर की शुरुआत में खरीफ की नई फसल के बाजार में आने के बाद कीमतें फिर से सामान्य स्तर पर आ जाएंगी। चंद ने कहा कि असमय बारिश और बाढ़ जैसी घटनाओं से उत्पादन प्रभावित होने को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन कुछ चीजें हैं, जिनके बारे में समय रहते अनुमान लगाया जा सकता है। प्रक्रिया में ग्राहकों
सरकार ने प्याज के निर्यात पर तत्काल लगाई रोक, व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा हुई तय